दोस्तों वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे पर ग्रीन सिग्नल मिल चुका है अब उस मामले में डीएम का बयान भी आ चुका है. दोस्तो डीएम ने यह बयान में जारी किए हैं कि एएसआई के तरफ से कब सर्वे शुरू किया जाएगा और डीएम ने यह भी कहा है कि एएसआई सर्वे में टीम की हर संभव मदद कर दिया जाएगा और उसके साथ-साथ यह भी बताया गया है कि एएसआई टीम शुक्रवार से सर्वे शुरुआत कर सकता है.
तो दोस्तों वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में एसआई सर्वे की हरी झंडी यानी कि ग्रीन सिग्नल अब मिल चुका है अब बीएमबी इस बयान पर अपना बयान देते हुए बहुत सारे बातें बोल चुके हैं चले उसके बारे में सारा का सारा जानकारी जानते हैं.
तो दोस्तों ऐसा ही सर्वे पर डीएम का बयान इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद आया है जो कि ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से साइंटिफिक सर्वे कराया जाने का सम्मति वाराणसी जिला जज के फैसले को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया गया है.
वाराणसी के जिला अध्यक्ष ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में जो खाना वह शिवलिंग छोड़कर के अन्य क्षेत्र के एएसआई सर्वे का निर्देश दिया था जिसके लिए इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किए थे जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई को एएसआई सर्वे पर 26 जुलाई तक रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी.
दोस्तों चीफ जस्टिस प रिंग कर दिवाकर ने यह कहा है कि सर्वे पर लगी रोक समाप्त कर दिया जाएगा कोर्ट ने एएसआई सर्वे को लेकर के एएसआई की तरफ से दिए हलफनामे को ले करके कहा है कि उस पर अविश्वास करने का कोई आधार नहीं है हलफनामा में एएसआई ने कहा था कि उनके सर्वे से ज्ञानवापी परिसर में किसी भी प्रकार का इंच पर भी नुकसान नहीं होगा जो कि हाईकोर्ट ने वाराणसी लेबर कोर्ट के सर्वे कराने का आदेश को भी सही माना है और आगे जाकर कार्रवाई करने को कोर्ट ने भी रास्ता साफ कर चुका है.
तो वाराणसी के जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर को वैज्ञानिक विधि से जांश का मंदिर पक्षियों की मांग को स्वीकार भी कर चुका है जिसमें जिला अध्यक्ष डॉक्टर अजय कृष्णा विश्वेश ने मस्जिद पक्का की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए ज्ञानवापी के वजू खाने को छोड़कर शेष हिस्से की एक ही सर्वे करने का आदेश दे दिया है.